बच्चो की परवरिशनवजात शिशु को खांसी होने पर क्या करें और क्या है उपाय...

नवजात शिशु को खांसी होने पर क्या करें और क्या है उपाय जानिए

छोटे बच्चो के लिए शरीर में हो रही कोई भी तकलीफ बहुत पीड़ादायक होती है। नवजात शिशु को खांसी होने पर क्या करें ऐसे में नवजात शिशु की बात करे तो नवजात शिशु को अगर खांसी की परेशानी हो तो बहुत ही परेशानी खड़ी कर देनेवाली बात होती है। बेबी की हथेली गरम होना, पेट या पैर के तलिये गर्म होना मतलब की आपका बच्चा स्वस्थ है, लेकिन तापमान में परिवर्तन आये तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। बच्चो की छोटी उम्र में उसको कोई भी दवा देना उचित नहीं रहता यानि की डॉक्टर की सलाह के बिना उसे कोई भी दवा देना हमारे लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।

नवजात शिशु को खांसी होने पर क्या करे यह देखा जाए तो नवजात शिशु को जुकाम के घरेलू उपाय कभी कभी करते है। नवजात शिशु को घरेलु उपाय करके उसकी खांसी को कम करने की कोशीश करते है। छोटे बच्चो के लिए घरेलु उपाय में शहद का उपयोग करने से देखा जाता है की खांसी कम समय में रोकी जा सकती है।

नवजात बच्चो की खांसी में कहा जाता है की रोज एक चम्मच शहद का सेवन करने से नवजात शिशु की खांसी को रोका जा सकता है। शहद की वजह से बच्चो में रहने वाला कफ और बलगम रोका जा सकता है। और बच्चो को नींद भी जल्दी आने में मदद करता है।नवजात शिशु को सर्दी जुकाम होने पर क्या करें जानिए

शरदी में भाप लेने के फायदे

8 महीने के बच्चे को खांसी आए तो क्या करें अगर बच्चा तंदुरस्त है तो उसे पानी गरम करके उसके पास थोड़ी देर बिठाने से बच्चे से गले में रहने वाले बलगम और कफ को काम किया जा सकता है। लेकिन ख्याल रखे की बच्चे की सुरक्षा के लिए आप भी उसके पास बैठे जिससे बच्चन पूरी सावधानी के साथ भाप ले सके

बच्चों को कफ निकालने के उपाय में बच्चे को भाप देते समय ध्यान रखे उस भाप से उसको तकलीफ न हो और ज्यादा गरम न लगे अगर बच्चा रोने लगे या तो ऐसा लगे की बच्चे को तकलीफ हो रही है तो भाप न दे।

फ्लूड इंटेक बढ़ाने से शरदी में राहत

भाप लेने के फायदे शिशु को अगर खांसी की परेशानी बढ़ जाए तो तुरंत ही उसका फ्लूड इंटेक बढ़ा देना चाहिए बच्चे का फ्लूड इंटेक बढ़ने से मतलब की उसको ज्यादातर तरल पदार्थ का सेवन करवाना चाहिए।

बच्चों को सर्दी जुकाम में क्या देना चाहिए फ्लूड इंटेक का सेवन करने से मतलब तरल पदार्थ देने से बच्चे के शरीर की पाचन की प्रक्रिया बहुत अच्छे से होती है और इम्युनिटी भी पूरी मात्रा में रहती है।

लहसुन और अजवाइन

छोटे बच्चो को अजवाइन और लहसुन सुंघाने से उनकी शर्दी को कम किया जा सकता है। पुराने घरेलु उपाय में से एक कारण उपाय ये भी माना जाता है की लहसुन और अजवाइन को थोड़ा सा तवे पर सेक कर उसे एक छोटे से कपडे में बांध के बच्चे को सुंघाने से बच्चो को अगर खांसी की समस्या हो तो उसे दूर किया जा सकता है।

1 महीने के बच्चे को खांसी आए तो क्या करें लहसुन की महक अजवाइन की महक बच्चो के नाक में जाने से उसको शरदी और खांसी की समस्या से थोड़ी सी राहत हो जाती है। और खांसी को काम किया जा सकता है।

लहसुन और अजवाइन को थोड़ी सी ही मात्रा में इसमें लिया जाता है लहसुन की दो से तीन कालिया और एक चुटकी जितना अजवाइन लेने से यह समस्या से राहत मिल सकती है।

तुलसी के पत्तो से खांसी में राहत

तुलसी के उपयोग तुलसी एक औषधि के रूप में भी बहुत फायदेमंद है तुलसी के पत्तो को चबाने से शरदी और खांसी की समस्या को दूर किया जा सकता है घरेलु औषधि में से यह एक बहुत पुराने समय से काम आने वाली औषधि है।

बच्चो में खांसी मिटाने के तरीको में से एक तरीका है तुलसी के पत्तो का अर्क तुलसी के पत्तो का अर्क बना कर उसको सहद के साथ मिलाकर बच्चो को देने से बच्चो को खांसी से राहत मिलती है।

सरसों के तेल की मालिश

2 महीने के बच्चे को खांसी आए तो क्या करें सरसों का तेल बच्चो के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सरसों के तेल से मालिश करने से शरीर मजबूत बनता है। इसके साथ इसका एक और भी फायदा है की सरसों के तेल से मालिश करने से बच्चो की खांसी से छुटकारा पा सकते है।

सरसो के तेल में कलोंजी डालकर उसे गर्म करके ठंडा कर के बच्चो की हाथ की हथेली, पैर,और बच्चो की पीठ पर मालिश करने से बच्चो की खांसी को दूर किया जा सकता है। नवजात शिशु को खांसी होने पर क्या करें यह सवाल हमारे मन में सबसे पहले उठता है।

शरीर गर्म रहने के कारण और उपाय

बच्चा धुप में रहने से या ज्यादा गर्मी वाली जगह रहने से बच्चे का शरीर गर्म हो जाता है। गुटनवाली या कई देर से धुप में पड़ी हुई गाड़ी में बैठने से भी बच्चे के शरीर का तापमान गर्म हो जाता है। इसका उपाय यह है की आपको धुप में जाने से बचना चाहिए। गर्मी के मौसम में जरूरत से ज्यादा कपडे न ओढ़ाए।

कई बार ऐसा होता है की बच्चे सिर गर्म पैर ठंडे होते है तो इसका कारण अधिक कपडे पहनना, ज्यादा समय बिस्तर या पलने में सोना, दांत निकलना, ज्यादा रोना, उत्साहित होकर ज्यादा चलने फिरने लगने की वजह से सिर गर्म होता है।

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