पित्त की थैली फटने से क्या होता है जानते है गोलब्लैंडर हमारे शरीर का एक छोटा सा हिस्सा है। जो हमारे शरीर में लिवर के पास स्थित होता है। पित्त एक तरल पदार्थ है। गॉलब्लैडर में पित्त स्टोर होता है। शरीर में अगर पित्त का निर्माण ना हो तो फैट यानि वसा को तोड़ने में मुश्केली होती है। पित्त की थैली दो तरीको से फट सकती है। एक तो वह अपने आप की कारन से फट जाए और एक जब ऑपरेशन हो रहा हो तब फट जाए।
पित्त की थैली अगर अपने आप फट जाए तो तुरंत ही डॉक्टर की सलाह से उसका इलाज करवाना चाहिए। जिससे शरीर में होने वाला पित्त की थैली में इन्फेक्शन और नुकशान न हो पित्त की थैली का फटना शरीर के लिए नुकशानकारक होता है। शरीर के अंदर कई परेशानिया देखने को मिलती है। और अगर किसी ऑपरेशन के दरमियान ये हो तो उसमे बहुत सारी सावधानिया रखनी पड़ती है। लेकिन डॉक्टर इस समस्या का सावधानी से उपाय करते है। कई बार पित्त की थैली निकालनी भी पड़ती है। पित्त की थैली निकलने से शरीर में क्या बदलाव होते है और इसके लिए क्या करना चाहिए यह डॉक्टर के बताने पर करने से यह समस्या से थोड़ी राहत मिल सकती है।
पित्त की थैली में शरीर में देखा जाए तो एक बार ही फटती है। जो शरीर में ह्रदय के दाहिने तरफ निचे की तरफ होती है। पित्त की थैली शरीर में एक ही तरफ होती है। उसमे कोई समस्या पैदा हो तो उसके फटने की संभावना होती है। पित्त की थैली फटने की संभावना दो कारन से ही रहती है एक तो उसमे कोई समस्या पैदा हो तब और दूसरी ऑपरेशन के समय किसी कारन से फटने की सम्भावना रहती है।
कईबार पित्त की थैली में पथरी की संभावना रहती है। पथरी को निकलने के कई तरीके आजकल देखने को मिलते है। पित्ताशय में पथरी की समस्या कभी कभी बहोत ही परेशां कर देती है। इसी वजह से इसका इलाज करना और आगे से यह समस्या न हो इसलिए कई बातो का ध्यान रखना पड़ता है जिसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी होता है।
गाल ब्लैडर स्टोन के लक्षण
गॉलब्लेडर स्टोन इन हिंदी मतलब की पित्ताशय की पथरी पित्ताशय में जब तरल पदार्थ जा के जम जाते है तब यह पथरी का निर्माण होता है। देखने में तो ये छोटी सी होती है लेकिन इसका दर्द बहुत होता है। पथरी के कारन कभी कभी बहुत ही ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ता है। पथरी का इलाज आयुर्वैदिक दवाइयों से भी किया जा सकता है। जिससे यह पथरी की समस्या कम हो सकती है।
पित्त की थैली में स्टोन के लक्षण
पित्त की थैली की पथरी पेट में बहुत दर्द होना,डायरिया हो जाना, बद हमजी होना, उलटी होना आदि लक्षण पथरी के हो सकते है अगर ऐसे पित्त की थैली में पथरी के लक्षण शरीर में दिखाई दे तो हमें तुरंत ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए। और डॉक्टर की सलाह के अनुसार आगे की प्रक्रिया करनी चाहिए।
होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज भी आजकल शक्य बना है। होम्योपैथी डॉक्टर की सलाह सूचन के अनुसार हम होम्योपैथी दवाओं से पथरी का इलाज कर सकते है। और पित्ताशय की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज आसानी से खत्म कर सकते है।
पित्त की थैली की पथरी निकालने का अचूक उपाय कहा जाता है की खीरा, चुकंदर और गाजर का रास पिने से हम गॉलब्लेडर में पथरी को दूर कर सकते है क्योकि इसके टेरपिक नाम का पदार्थ पाया जाता है जो पथरी को तोड़ने में काफी है फुदीना की पत्तिओ को उबालकर पिने से भी इस समस्या को हल किया जा सकता है। पित्त की थैली फटने से क्या होता है बहुत सारी समस्याओ से छुटकारा मिल सकता है
पित्त की थैली कैसी होती है?
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पित्त की थैली में पथरी क्यों होती है