कल्कि अवतार के बारे में आवश्यक जानकारी में हम कोशिश करेंगे की हम सभी ने हमेशा से हिंदू धर्म के युगों युगों की स्थापना में भगवान के कई अवतार देखे हैं। भगवान विष्णु सतयुग से लेकर द्वापर युग में कुल 9 अवतार में मानवजाति के समक्ष प्रकट हुए हैं।
Kalki avtar kya hai uske bareme batae इस सवाल का संतुष्ट जवाब तो कोई भी नहीं दे सकता लेकिन कहा जाता है की भगवान विष्णु कलयुग में भी अपने दसवें एवं अंतिम अवतार यानी कल्कि अवतार में नजर आएंगे इसीलिए समस्त मानव जाति को कलयुग में भगवान विष्णु के अवतार से संबंधित जानकारी जरूर होनी चाहिए।
इस आर्टिकल में हम आपको कल्कि अवतार अर्थ, भविष्यवाणी, स्वरूप, कल्कि अवतार के बारे में आवश्यक जानकारी विवाह, जन्म तारीख, स्थान से संबंधित सारी जानकारी आपको देंगे।
कल्कि का अर्थ
कल्कि अवतार का सरल अर्थ कलयुग के अंतिम चरण में भगवान विष्णु के दसवें अवतार का जन्म होना है।
अधर्म को जड़ से खत्म करने और धर्म को पुन स्थापित करने के लिए भगवान विष्णु का धरती पर कल्कि अवतार में आगमन होगा।
हिंदू वेद-पुराणों के अनुसार कलयुग का समय 4 लाख 32 हजार वर्षों का है जिसमें से कलयुग के 5125 वर्ष बीत चुके हैं।
श्रीमद् भागवत पुराण के 12वें स्कंद के 24वें श्लोक में यह उल्लेखित है कि जिस समय गुरु, सूर्य एवं चंद्रमा ग्रह पुष्प नक्षत्र में अपना स्थान ग्रहण करेंगे,तब भगवान विष्णु अपने दसवें एवं अंतिम अवतार कल्कि अवतार में पृथ्वी पर आगमन करेंगे।
हिंदू धार्मिक कथाओं के अनुसार कल्कि अवतार भगवान विष्णु का ऐसा अवतार माना जाता है जिनकी पूजा अर्चना उनके जन्म से पहले ही की जा रही है।
वर्तमान में पृथ्वी पर वैष्णवी धर्म के लोग कल्कि जयंती मनाते हैं। कल्कि जयंती पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं।
कल्कि अवतार की पहचान
भगवान कल्कि अवतार की पहचान की बात की जाए तो भगवान विष्णु 64 कलाओं में सफेद घोड़े पर सवार होकर आएंगे।
उनके दोनों हाथों में चमचमाती तलवारी होगी तथा इन्हीं तलवारों का इस्तेमाल भगवान विष्णु पृथ्वी पर मौजूद अधर्म की स्थापना करने वाले राक्षसों का नाश करने के लिए करेंगे।
कल्कि अवतार में भगवान विष्णु के गुरु भगवान परशुराम होंगे। कल्कि पुराण के अनुसार भगवान परशुराम कल्कि को भगवान शिव की तपस्या करने का दिशा निर्देश देंगे।
धार्मिक ग्रंथो के अनुसार भगवान शिव की तपस्या करने से भगवान कल्कि को दिव्य शक्ति प्राप्त होगी जिससे वह कलयुग में पापियों का विनाश करेंगे।
कल्कि अवतार का विवाह
कल्कि अवतार के बारे में आवश्यक जानकारी में कहा जाता है की कल्कि पुराण में भगवान विष्णु के अंतिम एवं दसवें अवतार कल्कि अवतार के विवाह प्रसंग को भी उल्लेखित किया गया है।
भगवान कल्कि की दो शादियां होंगी जिसमें पहली शादी माता लक्ष्मी पद्मा के रूप में तथा माता वैष्णो देवी से रमा के रूप में उनकी पत्नी का स्थान ग्रहण करेंगी।
भगवान कल्कि के कलयुगी माता का नाम सुमति और पिता का नाम विष्णुयश होगा। विष्णुयश के 4 पुत्र होंगे जिसमें से एक भगवान कल्कि,सुमंत, प्राज्ञ और कवि होंगे।
कल्कि पुराण के अनुसार भगवान कल्कि के तीनों भाई सुमंत प्रज्ञा और कवि उनसे बड़े होंगे।
भगवान कल्कि के चार पुत्र भी होंगे जिनके नाम मेघवाल, जय, विजय और बलाहक होंगे।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान कल्कि निष्कलंक अवतार के रूप में जन्म लेंगे। भगवान कल्कि अवतार के विवाह प्रसंग का एक रहस्य भगवान राम से भी जुड़ा हुआ है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान राम माता सीता की खोज में जंगल की दिशा से होकर समुद्र किनारे आ पहुंचे तो तब उन्हें तप करती हुई एक कन्या नजर आई थी।
भगवान राम को इस कन्या ने अपना नाम वैष्णवी बताया था तथा इस कन्या ने भगवान राम के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा था।
भगवान राम ने उसे समय उसे कन्या को कहा कि “वर्तमान में भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम है और उनकी एक ही पत्नी माता सीता है लेकिन उन्होंने कन्या को आश्वासन भी दिया।
भगवान ने कन्या को आश्वासन दिया और कहा कि कलयुग में भगवान कल्कि अवतार में जब वह जन्म लेंगे तो उनका विवाह वैष्णवी से ही होगा।
कल्कि अवतार कहा होगा?
कल्कि अवतार का जन्म तारीख की बात की जाए तो भगवान कल्कि का जन्म सावन महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होगा।
भगवान विष्णु अपने दसवें यानि कल्कि अवतार में उत्तर प्रदेश में स्थित मुरादाबाद के निकट स्थित संभल गांव में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे।
कल्कि का जन्म किस वर्ष होगा?
कल्कि का जन्म किस वर्ष होगा और कल्कि अवतार की तारीख तो हम कोई तय या पक्का समय तो नहीं बता सकते लेकिन कहा जाता है की यह कल्कि अवतार का जन्म कलयुग के अंत में होगा और कलयुग कुल 4,32,000 वर्षों का है जिसमें से 5125 वर्ष बीत चुके हैं।
अगर अनुमान ने लगाया जाए तो साल 2599 वर्ष में भगवान कल्कि का जन्म होगा।
भगवान कल्कि के जन्म पर सभी ग्रह अपने उच्च स्वरूप में राशियों में अपना स्थान ग्रहण करेंगे या फिर त्रिकोण मूल में राशियों में अपना स्थान ग्रहण करते हुए नजर आएंगे।
कल्कि पुराण के अनुसार गुरु, सूर्य एवं चंद्रमा के मूल त्रिकोण स्थापित होने पर भगवान कल्कि अवतार लेंगे।
कल्कि अवतार भविष्यवाणी,कल्कि अवतार का रहस्य
हिंदू धार्मिक पुराणों में भगवान विष्णु के कल्कि अवतार से संबंधित कई लेख मिलते है जिसमें भगवान विष्णु को मानव अवतरित कल्कि अवतार में देखा जाएगा।
कल्कि अवतार के बारे में आवश्यक जानकारी में कहा जाता की कल्कि अवतार को लेकर कई भविष्यवाणी की गई है जिसमें सबसे बड़ी भविष्यवाणी यही है कि भगवान विष्णु अपने दसवें अवतार में पृथ्वी पर मानव रूप धारण करेंगे और पापियों का विनाश करेंगे।
कल्कि अवतार भविष्यवाणी के अनुसार भगवान विष्णु पृथ्वी पर वापस से सतयुग की स्थापना करने के लिए अधर्मियों का विनाश करेंगे।
कल्कि अवतार भविष्यवाणी के अनुसार भगवान विष्णु उन सभी मनुष्यों का विनाश करेंगे जो हिंदू धर्म की वेदों पुराणों में लिखित जानकारी के विपरीत हिंदू धर्म की छवि को स्थापित किए हुए हैं।
पृथ्वी पर कई धर्म का गुणगान करने वाले राक्षस ऐसे हैं जो धर्म की असली जानकारी जानते ही नहीं है या फिर जानते हुए भी धर्म को लेकर अहंकार एवं अंधविश्वास फैलाते हैं और ऐसे ही लोगों का विनाश करने के लिए भगवान विष्णु कल्कि अवतार में पृथ्वी पर प्रकट होंगे।
कल्कि पुराण के अनुसार मानव जाति के द्वारा धरती पर इतना अधर्म बढ़ जाएगा कि सतयुग की पुनर्स्थापना सुनिश्चित है।
सतयुग की पुनर्स्थापना से ही सनातन धर्म की पुनः स्थापना होगी। सतयुग की पुनर्स्थापना के लिए भगवान विष्णु ही कल्कि अवतार में जन्म लेंगे।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने कल्कि पुराण ke baremen bataye kya hai aur kiske bareme hai यह आपको भगवान विष्णु के दसवें एवं अंतिम कलयुगी मानव अवतरित भगवान कल्कि अवतार के बारे में जानकारी दी है।