श्रीराम भक्त हनुमान जी की पूजा लगभग हर हिंदू घर में की जाती है। हनुमानजी संकटों को हरने वाले और भक्तों के जीवन में आने वाली तक़लिफों और अमंगल को दूर करने वाले और काल का नाश करने वाले देवता हैं।
इसलिए अधिकतर घरों और कार्यालयों में पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति घर में रखनी चाहिए या नहीं किसी भी तरह की नकारात्मकता से बचने के लिए, हनुमानजी की तस्वीर या मूर्ति जरुर लगाई जाती है। गांव शहरों में भी जगह जगह पर हनुमानजी के मंदिर भी देखने के लिए मिलते है।
पंचमुखी हनुमान मंत्र भी लाभदायक होता है। हर मंगलवार और शनिवार को भक्तों द्वारा हनुमानजी की विशेष रुप से पूजा की जाती है। शनि के प्रकोप से भी हनुमानजी हमारी सुरक्षा करते हैं।
पंचमुखी हनुमान जी की महिमा
पंचमुखी हनुमान, हनुमानजी का ही एक अद्भुत और विराट स्वरुप है। यह हनुमानजी का सर्व मनोकामना पूर्ण करने वाला रुप हैं, लेकिन कई लोगों को ये प्रश्न होता है कि घर में हनुमानजी की पंचमुखी मूर्ति रखना चाहिए या नहीं। तो आज हम इसी प्रश्न का उत्तर जानेंगे, लेकिन उससे पहले हम पंचमुखी हनुमानजी के बारे में थोड़ी जानकारी देख लेते हैं।
पंचमुखी यानी कि पांच मुख और दस भुजाओं वाले हनुमान जी की मूर्ति के दर्शन करना बेहद शुभ माना जाता है। हनुमानजी के इस अलौकिक रुप से संबंधित एक कथा का वर्णन रामायण में किया गया है।
जिसके अनुसार, हनुमानजी ने अपने प्रभु श्रीराम को, अहिरावण के मायाजाल से बचाने और श्रीराम पर आए संकट को दूर करने के लिए इस दिव्य रुप को धारण किया था जिसमें उनके पांच मुख प्रकट हुए थे।
पंचमुखी हनुमान जी के मुख
यह हनुमानजी का ऐसा हनुमान जी के अवतार है, जिसमें इनका पहला मुख वानर का, दुसरा मुख गरुड़ का, तीसरा मुख वराह का, चौथा मुख नरसिंह का और पांचवां मुख अश्व का होता है।
हनुमानजी के इन पांचों मुखों और पंचमुखी हनुमान जी के नाम के दर्शन करने से, मनुष्य को उनके जीवन में आने वाली पांच प्रमुख समस्याओं का समाधान मिलता है। क्योंकि, हनुमानजी का पूर्व दिशा में स्थित वानर मुख, पवित्रता और त्याग और बलिदान का संदेश देने वाला और शत्रुओं का नाश करने वाला है।
पच्शिम दिशा में स्थित गरुड़ मुख, भूत पिसाच, तंत्र मंत्र और बाधाओं को दूर करने वाला, उत्तर दिशा में स्थित तीसरा वराह मुख आयुष्य, शक्ति, प्रगति, संपत्ति और प्रसिद्धि बढ़ाने वाला, दक्षिण दिशा में स्थित चौथा नरसिंह मुख निर्भयता का संदेश देने वाला है।
डर, चिंता और मानसिक तनाव को दूर करने वाला और आकाश की ओर देखता हुआ पांचवां अश्व मुख, इच्छाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने वाला होता है।
इस मूर्ति में, पांच अलग-अलग शक्तियों को अपने अंदर धारण किए हुए हनुमानजी, अपनी दस भुजाओं में ध्वज और विभिन्न शस्त्रों को पकड़े हुए यह सुनिश्चित करता है कि पांचों दिशाओं में उनका ध्यान हैं और वे ही इन पांचों दिशाओं के स्वामी भी हैं।
पंचमुखी हनुमान जी की फोटो लगाने से क्या होता है
वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर में भी पंचमुखी हनुमानजी की तस्वीर या मूर्ति रखना बहुत शुभ माना जाता है। क्योंकि इसके पांच मुख होने के कारण, सभी दिशाओं के वास्तु दोष दूर होते हैं और घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है।
घर में प्रतिदिन पंचमुखी हनुमानजी की पूजा करने और उनके दर्शन करने से, हमारी प्रगति और उन्नति के मार्ग खुल जाते हैं, आत्मविश्वास बढ़ता है और भय, चिंता और तनाव से मुक्ति मिलती है।
तो ये बात तो स्पष्ट है कि हम अपने घर में हनुमानजी की मूर्ति या तस्वीर जरुर रख सकते हैं। लेकिन इसके लिए कुछ नियमों का पालन करना और सही दिशा का ध्यान रखना भी जरुरी है।
हिंदू धर्म में प्रत्येक देवी देवता की पूजा विधि और स्थान निर्धारित हैं। इसलिए किसी भी देवता की पूजा करते समय दिशा और उपदिशा का ध्यान जरुर रखना चाहिए।
हनुमान जी का मुख दक्षिण दिशा में क्यों होना चाहिए
घर में पंचमुखी हनुमानजी की तस्वीर या मूर्ति, का मुख हमेशा दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए, क्योंकि हनुमानजी ने दक्षिण में ही अहिरावण का वध किया था।
इसके अलावा दक्षिण दिशा से आने वाली नकारात्मक शक्तियां भी हनुमानजी की मूर्ति या तस्वीर को देखकर वापस लौट जाती है। घर के मुख्य द्वार पर भी पंचमुखी हनुमानजी की तस्वीर या मूर्ति रख सकते है, जिससे घर में किसी भी तरह की नकारात्मकता का प्रवेश नहीं हो सकता है।
बजरंगबली की मूर्ति हमेशा स्थापित यानी कि बैठी हुई और प्रसन्नचित्त मुद्रा में होनी चाहिए। मूर्ति या तस्वीर में हनुमानजी का रंग लाल या केसरी होना चाहिए इसका भी ध्यान रखना चाहिए।