हिंदू धर्म में पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठान का विशेष महत्व बताया गया है और लगभग प्रत्येक हिन्दू घर में रोजाना ही किसी ना किसी देवी देवता की पूजा होती ही है। हर देवता किसी विशेष वरदान का दायक होता है। इसी तरह मां लक्ष्मी, धन, संपत्ति और वैभव की दाता होती है और श्री गणेश, विद्या के दाता, विघ्नों को हरने वाले और मंगलकारी होते हैं।
कई विशेष पूजा अवसरों पर, लक्ष्मी जी और गणेश की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहार, दीपावली के दिन तो लक्ष्मी और गणेश जी की एक साथ पूजा करना सिद्धिदायक और बहुत ही शुभ माना जाता है।
लक्ष्मी गणेश कुबेर मूर्ति पोजीशन
किसी भी शुभ दिन और विशेषकर दीपावली के दिन, लोग मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति जरुर खरीदतें है। लेकिन, जैसा कि हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि किसी भी भगवान की मूर्ति या तस्वीर खरीदते समय, बहुत सी बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
नियमानुसार ही इन्हें अपने घर में स्थापित करना चाहिए। साथ ही मूर्ति के आकार, प्रकार और उन्हें स्थापित करने की दिशा का चुनाव भी सोच-समझकर ही करना चाहिए। इन सभी बातों का ध्यान रखने से ही हमें अपने आराध्य देवता का आशिर्वाद मिलता है।
इसलिए यही नियम, लक्ष्मी और गणेशजी की मूर्ति को स्थापित करते समय भी ध्यान में रखना चाहिए। लक्ष्मी और गणेशजी की मूर्ति किस दिशा में रखनी चाहिए, इसका भी ध्यान जरुर रखना चाहिए।
लक्ष्मी गणेश पूजा विधि
सबसे पहले हम ये जानते हैं कि लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति की साथ में पूजा करने के पीछे क्या कारण है। तो लक्ष्मीजी धन संपत्ति और ऐश्वर्य की देवी है, और गणेशजी ज्ञान और बुद्धी के देवता हैं। और किसी भी व्यक्ति के जीवन में, ज्ञान और धन दोनों का ही बहुत महत्व होता है।
ज्ञान के अभाव में धन का सही इस्तेमाल नहीं हो सकता है और जीवन धन का महत्व तो हम सभी जानते ही हैं। इसलिए शुभ और लाभ, तथा ज्ञान और धन की कामना से ही लक्ष्मीजी और गणेशजी की एकसाथ पूजा करते हैं।
लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति किस दिशा में रखें
लेकिन ये भी ध्यान रखना जरूरी है कि लक्ष्मी जी को गणेशजी के किस तरफ विराजमान होना चाहिए। लक्ष्मीजी को, हमेशा गणेशजी के दाहिनी तरफ विराजित होना चाहिए। क्योंकि बाईं तरफ का स्थान, पत्नी का होता है और लक्ष्मी जी, गणेशजी की पत्नी नही है।
तो लक्ष्मीजी और गणेशजी की मूर्ति खरीदते समय ये जरुर देख लें कि, लक्ष्मीजी, गणेशजी के दाई तरफ ही हैं ना। नहीं तो इससे आर्थिक संकटों के साथ साथ अन्य परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
लक्ष्मी जी की तस्वीर कैसी होनी चाहिए
इसी तरह इस बात का भी ध्यान रखें कि दोनों ही देवताओं की मूर्तियों के चेहरों पर प्रसन्नता झलकती हो, और दोनों ही मुर्तियां विराजमान स्थिती में आशिर्वाद की मुद्रा में ही हो। मूर्ति कहीं से भी खंडित ना हो ये भी जरुर देख लें। कमल के फूल पर बैठी मां लक्ष्मी, अत्यंत शुभ होती है।
जहां तक संभव हो, दोनों मूर्तियां अलग अलग लें यानी कि मूर्तियां आपस में जुड़ी हुई ना हो। लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति किस दिशा में रखें यदि आप हमेशा के लिए अपने घर के मंदिर में लक्ष्मी जी और गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करना चाहते हैं तो इसके लिए ईशान यानी कि उत्तर पूर्व दिशा सबसे शुभ मानी जाती है। तो अब जब भी घर में लक्ष्मी जी और गणेशजी की स्थापना करे तो उत्तर पूर्व दिशा में ही स्थापित करें।