मकान मालिक परेशान करे तो क्या करें जानिए

आजकल बहुत से लोग किराए के घर में रहते हैं। इसके पीछे बहुत से कारण हैं जैसे कि कुछ लोग नौकरी के सिलसिले में अपने घर से दूर रहते हैं। तो इस वजह से उन्हें अपने काम के पास के इलाके में घर किराए पर लेना पड़ता है।

मकान मालिक परेशान करे तो क्या करें? अगर आपको मकान मालिक आपको परेशान करता है, तो आप मकान मालिक के खिलाफ अपने अधिकारो का उपयोग कर सकते है।

वहीं कुछ लोगों की आमदनी इतनी ज्यादा नहीं होती कि वो अपने लिए खुद का घर ले सकें। मकान मालिक के अधिकार पर चाहे किसी भी वजह से आप किराए के मकान में रहते हैं।

तो आपको पता होना चाहिए कि अगर आपका मकान मालिक आपको परेशान करता है तो आप अपने हक का इस्तेमाल कर सकते हैं। पर अगर आपको नहीं पता कि अगर मकान मालिक परेशान करे तो क्या करना चाहिए तो आज के हमारे इस पोस्ट को सारा पढ़ें। 

मकान मालिक परेशान करें तो अपने कानूनी अधिकार का इस्तेमाल करें 

जो लोग किसी मकान में किराएदार के रूप में रहते हैं तो उन्हें Tenant के तौर पर कुछ कानूनी अधिकार हासिल होते हैं। आपको बता दें कि सन 1948 मे केंद्रीय किराया नियंत्रण अधिनियम को लागू किया गया था जिससे कि मकान मालिक और किराएदार दोनों के ही अधिकार महफूज़ रहें।

तो अगर बिना किसी वजह के आपका Landlord आपको तंग करता है तो ऐसे में आप अपने अधिकारों का उपयोग कर सकते हैं। ‌इसके साथ साथ इस बात का ध्यान रखें कि जब भी आप किसी भी मकान को किराए पर लें तो याद से उसका Agreement ज़रूर बनवा लें। इसलिए जब आपका मकान मालिक आपको परेशान करें तो आप कानून की सहायता ले सकते हैं। 

मकान मालिक से डिमांड कर सकते हैं बहुत सी सुविधाओं की 

आप जिस भी मकान में बतौर किराएदार रह रहे हैं आप अपने लैंडलॉर्ड से बहुत सी सुविधाओं की मांग कर सकते हैं। यहां आपको जो भी डिमांड की जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताएंगे वो मकान मालिक को आपको हर हाल में देनी ही होंगीं। वो सुविधाएं एक नहीं कई प्रकार की है जैसे कि – 

  • पीने के लिए साफ पानी की डिमांड कर सकते हैं 
  • बिजली के कनेक्शन की मांग कर सकते हैं
  • अपने लिए पार्किंग की सुविधा के लिए कह सकते हैं। 

मकान मालिक अपनी मर्जी से अचानक किराया नहीं बढ़ा सकता 

मकान मालिक को अपनी मर्जी के हिसाब से अपने मकान का किराया बढ़ाने का अधिकार नहीं होता। अगर कोई मकान मालिक अपने मकान का किराया बढ़ाना चाहता है तो ऐसी सूरत में उसे Minimum 3 महीने पहले अपने किराएदार को Notice देना पड़ता है।

यहां आपको बता दें कि मकान मालिक सिर्फ आपसे वही किराया वसूल सकता है जोकि बाजार की दरों और प्रॉपर्टी की डेप्रिसिएशन को जोड़ने के बाद बनता है। 

मकान मालिक बिना कारण के मकान से नहीं निकाल सकता 

हमेशा इस बात को ध्यान में रखें कि आपका जो लैंडलॉर्ड है वह आपको बिना किसी Solid Reason  के घर से नहीं निकाल सकता। इसके अलावा अगर मकान मालिक अपने किराएदार को घर से निकालना चाहता है।

तो उसे तकरीबन 15 दिन पहले नोटिस अपने किराएदार को देना होता है। पर यहां यह बात आपको समझनी होगी कि कुछ Conditions में आपका Landlord आपको अपने मकान से निकाल सकता है जैसे कि – 

  • अगर आप अपने मकान मालिक को पिछले 2 महीने से किराए का भुगतान नहीं करते हैं 
  • या फिर आप मकान में कोई गैर कानूनी काम करते पाए जाते हैं 
  • अथवा किराए के मकान में किसी कमर्शियल काम को करते हैं 

मकान मालिक आपकी प्राइवेसी में दखल नहीं दे सकता 

किराएदार का यह अधिकार भी होता है कि उसका मकान मालिक बिना उसकी मर्जी के या उससे पूछे बिना उसके घर में नहीं घुस सकता। अगर कोई मकान मालिक ऐसा करता है तो आप उसे ऐसा करने से मना कर सकते हैं। ‌

इसलिए आप अपने मकान मालिक को साफ तौर से कह दें कि अगर वह आपके घर आना चाहता है तो पहले उसे इजाजत लेनी होगी। किसी भी सूरत में मकान मालिक को अपने किराएदार की प्राइवेसी में ताक झांक की Permission नहीं दी गई है।  

सिक्योरिटी मनी से जुड़ा हुआ अधिकार

बहुत से मकान मालिक जब अपना मकान किराए पर देते हैं तो उस वक्त वो किराएदार से सिक्योरिटी मनी जमा करवाते हैं। तो जब भी कोई किराएदार अपना किराए का घर छोड़ता है।

तो तब Landlord को जमा किया गया Security Amount एक महीने के भीतर Return करना होता है। अगर मकान मालिक ऐसा ना करें तो आप सिक्योरिटी मनी के अपने इस अधिकार के अंतर्गत कानून का सहारा ले सकते हैं। 

किराएदार के वारिस से संबंधित अधिकार

यदि किसी किराएदार की अपने किराए के मकान में अचानक से Death जाती है तो ऐसे में मकान मालिक बाकी घर के Family members को घर से निकलने के लिए नहीं कह सकता। बल्कि ऐसी स्थिति में लैंडलॉर्ड को बची हुई अवधि के लिए दूसरा यानी कि एक बिल्कुल नया Rent Agreement बनवाना होगा। 

कंक्लुजनदोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल मकान मालिक परेशान करे तो क्या करें। हमें पूरी उम्मीद है कि अब आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा कि अगर कोई मकान मालिक अपने किराएदार (Tenant) को परेशान करता है।

तो ऐसे में उसे क्या करना चाहिए। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल हेल्पफुल लगा हो तो इसे Social Media पर दूसरे लोगों के साथ भी Share करें।

मकान का किराया किस दिन देना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकान का किराया बुधवार को देना शुभ माना जाता है।

किराएदार के मकान खाली नहीं करने पर क्या करें? 

अगर कोई किराएदार 11 महीने के बाद मकान खाली करने से मना कर दे, तो कोर्ट में इस रेंट एग्रीमेंट को दिखा सकते हैं। माकन मालिक किराएदार को 11 महीने से ज्यादा रखना चाहते है, तो रेंट एग्रीमेंट रिन्यू करवा सकते है।  

किरायेदार कितने साल बाद घर या दुकान का मालिक बनता है?

ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट के अंतर्गत ऐसा नहीं होता है. इसमें जिसके नाम पर संपत्ति होती हैं, वह उसे बेच सकता है। अगर कोई 12 साल तक किसी संपत्ति पर एडवर्स पजेशन रखता है तो वह संपत्ति पर अधिकार उसका रहता है।

क्या किरायेदार भारत में किसी दूसरे की संपत्ति का दावा कर सकता है?

ऐसा कहा जाता है की अगर कोई भी किराएदार 12 साल एक ही प्रॉपटी में रहता है तो वह दूसरे की संपत्ति का दवा कर सकता है।

क्या कोई भी मकान मालिक 1 साल बाद किराया बढ़ा सकता है?

दिल्ली में अगर ज्यादा सालो से एक ही किराएदार रहता है तो आप 7% से अधिक किराया नहीं बढ़ा सकता।

मकान मालिक परेशान करे तो क्या करें?

अगर मकान मालिक आपको परेशान करता है, तो आप मकान मालिक के खिलाफ अपने अधिकारो का उपयोग कर सकते है।

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