शादी से पहले वर-कन्या गुण मिलान क्यों जरूरी है जानिए

लड़का और लड़की का शादी से पहले कुंडलिया मिलना आवश्यक है। हिन्दू धर्म में लड़का और लड़की की शादी से पहले कुंडली मिले जाती है। कुंडली मिलाने से वर-वधु के ग्रह के बारें में पता लग जाता है।

वर-वधु गुण मिलान नाम से मिलने से परिवार में खुशिया बनी रहती है। हिंदुस्तान में कुंडली के साथ वर-कन्या का विवाह बुजुर्गो और उनके माता-पिता के आशीर्वाद से संपन होता है।

विवाह से पहले लड़का और लड़की की कुंडली जाये तो शादी हो जाती है, अगर कुंडली गुण न मिले फिर भी विवाह करे तो परिवार में अशांति रहती है।

वर-कन्या गुण मिलान वैदिक ज्योतिष या ब्राह्मण द्वारा कराया जाता है। कुंडली मिलाने से अगर लड़का और लड़की में से कोई एक मांगलिक है तो विवाह नहीं कर सकते और अगर दोनों मांगलिक है तो इसके बारें में कुछ सोच सकते है।

कुंडली मिलान से वर-वधु के गुण के दोष को देखा जाता है। कुंडली मिलान में कुल गुणों की संख्या 36 होती है। उन में 50 प्रतिशत गुण मिलना चाहिए।

कुंडली मिलान क्यों जरुरी है?

एक सफल गृहस्थ जीवन के लिए पति-पत्नी के गुणों का मिलना जरुरी होता है। ये गन कुंडली के द्वारा मिलाये जाते है। कोई भी व्यक्ति की कुंडली वयक्ति के जन्म, तारीख और स्थान के आधार पर बनाई जाती है। कई लोगो के पास जन्म तारीख नहीं पता होती तो आप नाम से विवाह गुण मिलान भी कर सकते है।

कुंडली में नाड़ी दोष का भी महत्व होता है। लड़का और लड़की में नाड़ी दोष समान हो तो अच्छा नहीं है। गुण मिलान को कुंडली मिलान भी कहा जाता है। कुंडली में मौजूद गुणों का मिलान को गुण मिलान कहा जाता है। कुंडली कुल 36 गुण होते है। आपके पार्टनर के साथ 18 गुण का मिलान हो जाये जो ज्योतिष विवाह की अनुमति देते है।

बहुत पहले के समय में ऋषि मुनियो ने अपने ज्ञान का उपयोग करके समाज के लिए नियम बनाये थे। इनमे से एक नियम कुंडली मिलान है। हमारे हिन्दू समाज में शादी का बहुत महत्व है। राशि नाम से कुंडली मिलान एक शादीशुदा जीवन का एक मार्ग है।

विवाह के पहले कुंडली मिलान बेहद जरुरी है। भावि वर-कन्या के सुखी और समृद्ध जीवन के बारे में जानने का एक उपाय है। कुछ लोगो का मानना है की कुंडली मिलान के बिना अच्छे जीवन साथी की तलाश पूरी नहीं होती है।

कुंडली में क्या क्या देखा जाता है

शादी में गुण मिलान नाम और डेट ऑफ बर्थ से कुंडली मिलान आवश्यक होता है। कुंडली में गुण के नाम:-वर्ण, वश्य, तारा, योनि, गृह, नाड़ी, मैत्री, गण और मकुट आदि। गुण स्वास्थ्य, दोष, प्रवृति, संतान, मानसिक स्थिति इत्यादि से संबधित होते है।

हमारे समाज में कई लोग आधुनिक युग का हिस्सा है जो आधुनिक तौर तरीको पर चलते है। लेकिन कई लोग टेक्नोलॉजी के साथ कुंडली मिलान इन हिंदी पीढ़ियों की परंपरा को भी मानते है।

कुंडली मिलान विवाह में एक गणना है जो हमे यह बताते है की लड़का और लड़की के ग्रह और नक्षत्र एक दूसरे से अनुकूल है या नहीं। आपको बता देते है की ज्योतिष शास्त्र में 36 गुणों में से 18 गुणों का मिलना जरुरी है।

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