धर्म और ईश्वर हर सच्चे व्यक्ति के अंदर वास करता है। हर कोई अपने धर्म और ईश्वर से जुड़ा रहना चाहता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ धार्मिक शुभ विचार धार्मिक विचार बताने जा रहा है।
धार्मिक शुभ विचार आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते है। इसलिए इन्हे ध्यान से पढ़े और अपने अंदर इसे लाने की कोशिश करे। इससे आपका व्यक्तित्व काफी बेहतर होगा और आप धर्म से भी जुड़ पाएंगे। तो आईए इसकी शुरुआत करते है।
1. शांति की तलाश खुद में करनी चाहिए
बाहरी वातावरण हमेशा अशांत ही होता है।
मन को शांति ही सबसे बड़ी शांति होती है। बाहरी शांति हमारे हाथ में नही होता, इसलिए हमे मन की शांति पर ही काम करना चाहिए। शांत मन बाहरी अशांति को भी मिटा देता है। मन की शांति के लिए उपाय करके इस तरह से शांत मन ही सबसे सर्वोत्तम होता है।
2. ईश्वर को पाना आसान नहीं है,
लेकिन सच्चा मन इसे आसान बना देता है।
ईश्वर को पाना बेहद कठिन है। भगवान की प्रार्थना और सच्चा मन एकमात्र ऐसा गुण है जो आपको ईश्वर पाने के राह को आसान बना देता है। और आप इसके मदद से ईश्वर को पा भी सकते है।
3. कोई ईश्वर आपको आराधना करने को नही कहता, लेकिन आराध्या को पूजना हमेशा अच्छा होता है।
ईश्वर हो या हमारे आराध्य इन्हे पूजना हमारे लिए हमेशा से अच्छा होता है। कोई ईश्वर भगवान की पूजा करते समय आपसे उन्हें पूजने को नही कहते लेकिन अपने ईश्वर को पूजना हमे अवश्य चाहिए।
4. ईश्वर कण कण में है, यह हम सब में है,
इसलिए हमेशा सबसे अच्छे भाव रखने चाहिए।
ईश्वर हर चीज में होता है, क्या ईश्वर सत्य है इसलिए ऐसा कहा जाता है की हमे हर किसी से अच्छे भाव बना के रखने चाहिए। तब ही हम ईश्वर का असली सम्मान कर पाएंगे।
5. ईश्वर इस धरती पर कई रूपों में विराजमान है,
इसलिए मनुष्य को हर किसी से अच्छे भाव रखने चाहिए।
ईश्वर धरती पर कई रूपों में और कई अलग अलग चीजों में समाहित हुआ होता है। भगवान कहां रहते हैं इसलिए मनुष्य को हर किसी से अच्छे भाव रखने चाहिए।
6. मुसीबत में तो हर कोई ईश्वर को याद करता है,
लेकिन असली भक्त वही है जो ईश्वर को हर वक्त याद करे।
मुसीबत पड़ने पर हर कोई ईश्वर को और परमात्मा सुविचार याद करता है। लेकिन हमे ईश्वर को हर समय हर परिस्थिति में याद करना चाहिए। तभी जाकर हमे एक सच्चे और अच्छे भक्त बन पाएंगे।
7. कर्म करते रहे फल की चिंता न करे,
ईश्वर आपको आपके कर्म के अनुसार फल अवश्य देगा।
मनुष्य को सिर्फ अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए। फल की चिंता उसे नही करनी चाहिए। मनुष्य के अच्छे कर्म क्या है ईश्वर हमे हमारे कर्मो का फल अवश्य देता है। इसलिए फल की चिंता निरर्थक है।
8. सत्य और अहिंसा दो ऐसे चीजे है जिसे मनुष्य को अपने अंदर लाना ही चाहिए।
परम सत्य क्या है सत्य यानी सच और अहिंसा यानी हिंसा से दूरी। यह दो तरीके है जो मनुष्य को एक अच्छा मनुष्य बनाती है। इसलिए यह हमारे साथ होने ही चाहिए।
9. भाग्य का रोना और वक्त को कोसना, यह मूर्खो की पहचान है। बुद्धिमान हमेशा मेहनत और ईश्वर में विश्वास रखते है।
मूर्ख व्यक्ति अक्सर या तो भाग्य को कोसते है या फिर अन्य चीजों का रोना रोते रहते है। भाग्यशाली होने के लक्षण इसके विपरित बुद्धिमान हमेशा ईश्वर और अपने मेहनत पर भरोशा करते है।
10. हर रोज हमे एक नई दुनिया मिलती है,
इसे हर रोज नई ऊर्जा से शुरू करना चाहिए।
हमारा रोज ही नया जन्म होता है। आप हर एक नए दिन को नई ऊर्जा और उमंग से शुरू कर सकते है। इससे आपका दिन भी अच्छा जाएगा।
Conclusion
आज के इस आर्टिकल में हमने धार्मिक शुभ विचारो को जाना। यह धार्मिक अनमोल विचार शुभ विचार आपके व्यक्तित्व के लिए काफी अहम है इसलिए इन्हे पढ़े और इसे अपने अंदर लाने की कोशिश करे। उम्मीद है ये शुभ विचार आपको अच्छे लगे होंगे। मिलते है फिर एक नए आर्टिकल के साथ तब तक के लिए अलविदा।